Indian Railways: हम सभी लंबी दूरी के लिए अक्सर रेलयात्रा चुनते हैं. इसके लिए हम विभिन्न क्लास में टिकट बुक कराते हैं। जिसमें से स्लीपर, थर्ड एसी, सेकंड एसी और फर्स्ट एसी जैसी श्रेणियां होती हैं. रिजर्वेशन कराने के कई माध्यम हैं, जिनमें ऑनलाइन या रेलवे खिड़की पर टिकट बुक करा सकते हैं.इनमें टिकट की भी कई श्रेणियां होती हैं, जिनमें आई-टिकट और ई – टिकट जैसे श्रेणियां शामिल हैं. आइए जानते हैं आई-टिकट और ई – टिकट के बारे में और इनसे होने फायदे और नुकसान के बारे में.
आईआरसीटीसी ई – टिकट (IRCTC I-Ticket)
यह टिकट वेबसाइट पर बुक किए गए रेलवे रिजर्वेशन को संदर्भित करता है. इसके ग्राहक को एक इलेक्ट्रॉनिक आरक्षण पर्ची मिलती करता है. इस तरह की टिकट की बुकिंग करने पर यात्री को अपने साथ एक पहचान पत्र लेकर चलने की अवश्यकता होती है. आपको बता दें कि ई-टिकट एक इलेक्ट्रानिक प्रिंटेड टिकट होता है.
आईआरसीटीसी आई-टिकट (IRCTC I -Ticket)
यह टिकट भी वेबसाइट पर बुक किए गए रेलवे आरक्षण को प्रदर्शित करता है. इसमें बुक किए गए टिकट को ग्राहक के पाते पर भेजा जाता है. इस टिकट को आईआरसीटीसी ग्राहक के उस पते पर कूरियर करता है, जो एड्रेस उसने टिकट बुकिंग के दौरान दर्ज किया होता है. ऐसे टिकट को यात्रा के दो दिन पहले बुक किया जाता है.
दोनों में अंतर
आपको बता दें कि ई टिकट एक में प्रिंट की सुविधा दी जाती है. जबकि आई टिकट में ऐसे कोई सुविधा नहीं मिलती है. आई टिकट ई टिकट की तुलना में महंगा होता है, क्योंकि इसमें कूरियर चार्ज जोड़ा जाता है. साथी ए टिकट की कैंसिलेशन प्रक्रिया काफी आसान होती है, जबकि आई टिकट को कैंसिल करने के लिए आपको रेलवे काउंटर पर विजिट करना जीता है. इसके साथ ही आई टिकट में आपको या तो कन्फर्म सीट मिलती या आरएसी, जबकि ई टिकट में वेटिंग/आरएसी/कन्फर्म तीनों मिल सकते हैं.
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